गीत
दर्दमन्दों से कहाँ पूछें ये दुनिया वाले,
कैसे सहलाएँ बता दिल के रिसते छाले ।
कौन आता है यहाँ देखने वीरानों को,
भाव देता है कहाँ कोई दीवानों को,
चाहे वो जाँ हंसते हुए ही दे डालें ।
कैसे सहलाएँ बता दिल के…
बस वही जीता है जिसने बुनी अपनी दुनिया,
दिल के हाथों जो बिके, उसको कहें सब रसिया,
यहाँ मिलते नहीं साथ में चलने वाले ।
कैसे सहलाएँ बता दिल के…
1 Comments:
सही है.
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