"मेरी अभिव्यक्तियों में
सूक्ष्म बिंदु से
अन्तरिक्ष की
अनन्त गहराईयों तक का
सार छुपा है
इनमें
एक बेबस का
अनकहा, अनचाहा
प्यार छुपा है "
-डा0 अनिल चडडा
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"ग़मों संग सुहागरात हुई!"रात सितारों से ही बात हुई,
सारी रात यूँ ही खाक हुई ।
उनकी सूरत पर भरोसा कर बैठे,
अनजाने ही जिंदगी चाक हुई ।
दामन जलने से बचा न सके हम,
ठंडी राख भी अब आग हुई ।
दुनिया की ठोकरें लगती ही रहीं,
मेरी कामयाबी आप से आप हुई ।
उनकी बेवफाई का ये आलम रहा,
गमों संग अपनी सुहागरात हुई ।
1 Comments:
उनकी बेवफाई का ये आलम रहा,
गमों संग अपनी सुहागरात हुई ।
बहुत खूब अनिल भाई।
गमों के साथ सुहागरात का आलम।
एहसास है मुझे कैसी बात हुई।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
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