"यूँ ही सही"
तुम्हारी खुशी मेरे आँसुओं में है, तो यूँ ही सही,
रिश्ता ग़र इन्ही बातों से है, तो यूँ ही सही !
दिल की बात ज़ुबाँ पर आना जरूरी तो नहीं,
वो कहने पर भी न समझें, तो यूँ ही सही !
हमने तो उनकी खातिर घर भी फूँक दिया,
वो फिर भी न आग बुझाएँ, तो यूँ ही सही !
ज़ख्म अपने तो वैसे भी बहुत दर्दीले थे,
वो फिर भी नमक लगाएँ, तो यूँ ही सही !
हम तो उन्हे फूल ही पेश करते रहे सदा,
उन्हे हमें काँटे ही देने हैं, तो यूँ ही सही !
1 Comments:
वो कर दें खूं तो यूं भी सही
बरसते रहे तरसते रहें हम यूं ही सही
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