उनके लिये तो वो होली का गुलाल है !
शाम-ओ-सहर शाह-ए-मग्रिब* शाहिद-ए-हाल& है,
इक तू ही मेरे हाल से बेख्याल है !
बेगोरोकफन% हुआ हूँ तेरे इश्क में ऐ रकीब,
तेरा ग़म ही मेरा कफन-ए-दुशाल है !
सहन होता नहीं शोर दिल का अब तो यारब,
इसको तेरे लिये धड़कने का मलाल है!
हालत-ए-इन्तजार की खबर क्यों होगी उन्हे,
उन्हे तो मुड़ के देखना भी मुहाल है !
खूँ के कतरे अश्क बनके बहते ही रहे,
उनके लिये पर वो होली का गुलाल है !
*चाँद &गवाह %जिसे कफन न मिला हो
2 Comments:
सुन्दर!
होली की शुभकामनाएँ।
घुघूती बासूती
होली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
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