मुझे भूलने को मत कहना !
तुम्हे न पाने का
उतना दर्द नहीँ होगा
जितना तुम्हे
भुलाने की
कोशिश में होगा
इसलिये
मुझे ये मत कहना
कि
तुम्हे भूल जाऊँ
और
दुनिया की
मसरूफतियों में
मन लगाऊँ
मैं जानता हूँ
मुझसे ये न होगा
जीवन का
हर क्षण, हर पल, हर मोड़
तेरी याद लिये
मेरे सामने खड़ा होगा
और
तेरी कमी का एहसास
दिल को महसूस होगा
कौन जानता है
ये रास्ते हमें कहाँ ले जायें
पर हर रास्ते के
हर मील पर
तेरे नाम का पत्थर
खुदा होगा
यूँ तो
चलते चलेंगें इन रास्तों पर
हम भी और तुम भी
पर आँखों का इन्तजार
हर राह पर
तुम्हे ढूँढता होगा
इसलिये
मत कहना हमें
कि
भूल जाऊँ तुम्हे
ग़र ये हो सकता
तो मैं
कहता ही नहीं तुम्हे
कि
मुझे ये मत कहना
कि तुम्हे भूल जाऊँ !
http://anilchadah.blogspot.com
Tweet







0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home