क्या भूल पाओगी मुझे?
तुम मुझे
भूल जाने का
वादा करो
तो मैं भी
तुम्हे भूल जाने की
कोशिश करूँगा
पर क्या
ये वादा कर पाओगी?
मैँ जानता हूँ
किसी के लिये भी
किसी को भूल जाना
इतना आसाँ नहीं होता
इसलिये
मैं जानता हूँ
मुझे भूल जाना
तुम्हारे लिये
इतना आसाँ तो न होगा
फिर मुझसे
तुम्हे भूल जाने की
बात तो मत करो
फिर भी मैं
कोशिश करूँगा
तुम्हे भूल जाने की
क्योंकि
तुम खुश रहो
इसी में मेरी खुशी होगी
पर मुझे
इल्ज़ाम न देना
ग़र तुम्हे याद करने की
भूल कर बैठूँ
और मेरे दिल से
निकली कोई लहर
तुम्हारे दिल को छू जाये
और
मेरी याद दिला जाये
और तुम्हे
फिर से तड़पा जाये!
3 Comments:
इल्ज़ाम न देना
ग़र तुम्हे याद करने की
भूल कर बैठूँ
और मेरे दिल से
निकली कोई लहर
तुम्हारे दिल को छू जाये
और
मेरी याद दिला जाये
और तुम्हे
फिर से तड़पा जाये!
bahut sundar,bahut dhardar teer haishabdon ka,awesome.
महक जी,
रचना पसन्द आने का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Bahut khoob dr sahib.
aisa lagta hai jaise mudat baad koi mere dil ko chhoh kar pass hi baith gaya hai
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