गज़ल!
तेरी याद में जी लेंगें, तेरी याद में मर लेंगें,
तू चाहे न चाहे, तुझे प्यार तो कर लेंगें ।
कोई रात न ऐसी हो, तेरे ख्वाब न आते हों,
तू आये न आये, दीदार तो कर लेंगें ।
कोई बात न ऐसी हो, जब जिक्र न तेरा हो,
तू बात करे न करे, तेरी बात तो कर लेंगें ।
मैं हरदम जलता हूँ, तेरे इश्क की गर्मी में,
सब मरने पर जलते, हम जिंदा जल लेंगें ।
क्यों पाली मजबूरी, इस दिल ने मुहब्बत की,
लगता है ग़म में तेरे, दुनिया से चल देंगें ।
3 Comments:
कोई रात न ऐसी हो, तेरे ख्वाब न आते हों,
तू आये न आये, दीदार तो कर लेंगें ।
bahut hi badhiya badhai
सही है.
महक जी एवं उड़न तश्तरी जी,
गज़ल की तारीफ का शुक्रिया ।
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