कोई किसी की होली!
भावना की बारात,
हया की डोली,
बात की बात में,
कोई किसी की होली!
अधरों ने बात कही,
पलकों ने सुनली,
नयनों से नयन,
खेलें आँख-मिचौली!
पी का मनुहार,
आनन्द की चिकौटी,
मैंने थी खुशी से,
यूँ ही आँख भिगोली !
छनक-छनक पायलिया,
नाच उठी यूँ ही,
संगीतमय क्षण की लय,
घंघरूओं ने पिरोली!
बैठी हूँ आँख मूँद,
न पल हों ये चोरी,
अगले जन्म के लिये,
सारी यादें संजोंली !
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