न तुमको प्यार न सही!
न तुमको प्यार न सही, न हो एतबार न सही,
ये दिल फिर भी पुकारेगा, न खोलो द्वार न सही ।
समाँ माना तुम्हारा है, नहीं कुछ भी हमारा है,
पर इसका ये सबब तो नहीं, ज़माना ही तुम्हारा है,
ग़ुमाँ इतना नहीं अच्छा, करो न प्यार न सही ।
हमें है कहनी अपनी बात, तुम्हे चाहेंगें हम दिन-रात,
कदम तुमसे मिलायेंगें, चलो न चाहे अपने साथ,
नहीं भूलेंगें तुमको हम, करो न प्यार न सही।
2 Comments:
behtarin
सुंदर रचना।
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