दूर हो कर भी पास हो !
कैसे करूँ शुक्रिया मैं ख्यालों का,
मुझसे दूर हो कर भी पास हो !
कर के बात तुमसे मैं ख्यालों में,
हँस लेता हूँ यूँ ही ख्यालों में,
वह अलग बात है कि मन मेरा,
तुमसे मिलने को फिर भी उदास हो!
सोच, रूठी न हो तुम ख्यालों में,
मैं मनाता हूँ तुमको ख्यालों में,
जाने कब ख्तम होगा ये सिलसिला,
और तुम्हे मेरे ख्याल का अहसास हो!
1 Comments:
खयाली पुलाव अच्छा है.
जरा इसे भी मुलयजा फरमाया जाय
http://oldandlost.blogspot.com/
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