कोई बात नहीं!
याद हमको तुम्हारी आयेगी,
तुम न आओ तो कोई बात नही ।
कभी तो बात मेरी बन जायेगी,
मिल न पाओ तो कोई बात नहीं ।
बात अपनी कभी तो कह देंगें,
समझ न पाओ तो कोई बात नहीं ।
हर्ज कैसा है दिल लगाने में,
ग़म उठाने में कोई बात नहीं ।
बात हर बात में आये तेरी,
सुनो न तुम तो कोई बात नहीं ।
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home