Text selection Lock by Hindi Blog Tips http://anilchadah.blogspot.com

कुछ तो मैं कह बैठा हूँ, अभी बहुत कुछ बाकी है,

कागज-कलम हैं मीत मेरे, शब्द ही दिल के साकी हैं !

Follow anilkr112 on Twitter

www.earnparttimejobs.com

anilchadah.blogspot.com

multiplexblog.blogspot.com

anubhutiyan.blogspot.com

chunindikahaniyan.blogspot.com

free hit counter codes
www.blogvani.com Hindi Blogs. Com - हिन्दी चिट्ठों की जीवनधारा चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी चिट्ठाजगत चिट्ठाजगत Page copy protected against web site content infringement by Copyscape Visit blogadda.com to discover Indian blogs

प्रेम अनुभूतियाँ

"मेरी अभिव्यक्तियों में सूक्ष्म बिंदु से अन्तरिक्ष की अनन्त गहराईयों तक का सार छुपा है इनमें एक बेबस का अनकहा, अनचाहा प्यार छुपा है " -डा0 अनिल चडडा All the content of this blog is Copyright of Dr.Anil Chadah and any copying, reproduction,publishing etc. without the specific permission of Dr.Anil Chadah would be deemed to be violation of Copyright Act.

Read in your own script

Roman(Eng) Gujarati Bangla Oriya Gurmukhi Telugu Tamil Kannada Malayalam Hindi
Via chitthajagat.in

Tuesday, July 3, 2007

विडम्बना!

बंद आँखों से लगता है अपना जहाँ,
आँख खोलो तो धोखा ही धोखा यहाँ!

कब तलक अपना दामन बचाते रहें,
खुद से खुद की नज़र ही चुराते रहें,
लोग रोयें तो उनको हँसाते रहें,
हँसना चाहा तो खुद को है रोना यहाँ!

फूल पत्थर की मानिंद बरसते रहे,
यहाँ खारों को हम तो तरसते रहे,
हर मोड़ पे गिर कर संभलते रहे,
नहीं पाना, है खोना ही खोना यहाँ!

1 Comments:

Blogger Udan Tashtari said...

अच्छी रचना. बधाई.

July 3, 2007 at 11:28 PM  

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home