नहीं दिल की बात बताते हो!
यूँ क्यों छिपते फिरते हो,
क्या तुम खुद से डरते हो,
कि हम कहीं जान नहीं जायें,
कि तुम भी हम पर मरते हो !
दिल ने कुछ तो करना है,
तुम्हे हाल तो अपना कहना है,
तुम मुँह से कुछ नहीं कहते हो,
बस खुद से बातें करते हो !
खुद पर तुम्हे भरोसा नहीं,
शक नाहक हम पर करते हो,
कोई और आये कैसे दिल में,
इस दिल में तुम ही रहते हो !
कभी आते हो, कभी जाते हो,
नहीं दिल की बात बताते हो,
हमसे तुम खेल तो करते हो,
खुद से भी धोखा करते हो !
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