दिल बच्चे में बदल गया !
तुमसे
मिलने के बाद
ये दिल
बच्चे में बदल गया
और
तुम्हे पाने को मचल गया
इसी
उधेड़बुन में
लगा रहता है दिल
कि जब तुमसे
मुलाकात हो
तो कैसे
मन की बात हो
तुम मिले भी
बात भी हुई
पर तुम्हारे सामने
दिल की ज़ुबां न खुली
चलो, मिल तो लिये
सोच, दिल बहल गया
पर
हर मुलाकात के बाद
बैचेनी कुछ और
बढ जाती है
तेरे साथ
गुजरे पलों की
याद सताती है
यहाँ तक कि
रातों की नींद भी
उड़ जाती है
पर भोर की
ठडी हवा
तुमसे मिलने की
एक और उम्मीद
जगा जाती है
और दिल
फिर खुश हो जाता है
चलो, नई उम्मीद का
नया दिन
फिर निकल गया !
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