"मेरी अभिव्यक्तियों में
सूक्ष्म बिंदु से
अन्तरिक्ष की
अनन्त गहराईयों तक का
सार छुपा है
इनमें
एक बेबस का
अनकहा, अनचाहा
प्यार छुपा है "
-डा0 अनिल चडडा
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गज़ल
कोई तो चैन की दवा ला दो,न हो तो मौत की सज़ा ला दो !खो गये साथ-साथ चलते वो,उनके कदमों के तुम निशां ला दो!आँख उनकी हो, ख्वाव मेरे हों,फिर से वो रात का समां ला दो!अपने वादों से न मुकरता हो,ऐसा इक दोस्त बावफा ला दो!न जियें रोज़-रोज़ मर कर हम,ऐसे इक शहर का पता ला दो!
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