नहीं जानूँ
मनवा व्याकुल तरसेगा,
पी आने का कौन भरोसा,
इन्तजार मुझे अरसे का !
कोयल है मल्हार सुनाये,
मोर छमा-छम नाचे गाये,
तुम आ जाओ तो बन जाये,
माहौल चहुँ ओर जलसे का !
शमा जलाऊँ तो ना आओ,
शमा बुझाऊँ तो ना आओ,
नहीं जानूँ मैं कब और कैसे,
प्रेम सुधा रस बरसेगा !
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