tag:blogger.com,1999:blog-7703896360775698636.post9161922654858943821..comments2023-06-30T20:29:42.152+05:30Comments on प्रेम अनुभूतियाँ: गज़ल!डॉ० अनिल चड्डाhttp://www.blogger.com/profile/05113649126978140864noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7703896360775698636.post-86471720847485616592007-09-21T20:44:00.000+05:302007-09-21T20:44:00.000+05:30हम हैं नाचीज़, कब हों फनाँ क्या मालूम,याद रह जायेंग...हम हैं नाचीज़, कब हों फनाँ क्या मालूम,<BR/>याद रह जायेंगें, गज़लें नहीं मरती यहाँ ।<BR/><BR/>--बहुत खूब!! वाह!! लिखते रहें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7703896360775698636.post-18246915097043627602007-09-21T13:56:00.000+05:302007-09-21T13:56:00.000+05:30अनिल जी,सभी शेर सुन्दर बन पडे हैं.. खासकरदिल गुनहग...अनिल जी,<BR/><BR/>सभी शेर सुन्दर बन पडे हैं.. खासकर<BR/><BR/>दिल गुनहगार है, खुशियों का तकाज़ा करके,<BR/>किसको मालूम था, खुशियाँ भी हैं बिकती यहाँ ।<BR/><BR/>हम हैं नाचीज़, कब हों फनाँ क्या मालूम,<BR/>याद रह जायें गें, गज़लें नहीं मरती यहाँ ।<BR/><BR/>बधाईMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.com